1008 कुंडीय महायज्ञ में फायरिंग: बाबा पर गंभीर आरोप, दो लोग घायल!
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में 1008 कुंडीय महायज्ञ के दौरान हुई फायरिंग ने एक बड़े विवाद को जन्म दे दिया है। इस घटना में दो लोग घायल हो गए हैं। बताया जा रहा है कि इस महायज्ञ के आयोजन में देशभर के विभिन्न राज्यों से ब्राह्मणों को बुलाया गया था, लेकिन आयोजकों और ब्राह्मणों के बीच विवाद तब बढ़ गया जब बाबा ने उन्हें बासी भोजन परोसा। इसको लेकर जब ब्राह्मणों ने आपत्ति जताई, तो मामला उग्र हो गया और उनके साथ मारपीट की गई।
ब्राह्मणों पर हमला, बाउंसरों की गुंडागर्दी!
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विवाद बढ़ने पर बाबा के बाउंसरों ने ब्राह्मणों पर लाठी-डंडों और हथियारों से हमला कर दिया। आरोप है कि पिछले तीन दिनों से बाबा के लोग ब्राह्मणों को परेशान कर रहे थे, और जब उन्होंने आवाज उठाई, तो उनके साथ हिंसक झड़प की गई। इस झड़प के दौरान गोलीबारी भी हुई, जिसमें दो लोग घायल हो गए।
बड़े नेताओं का समर्थन, बाबा की ताकत?
इस घटना से जुड़े सबसे बड़े सवाल बाबा की राजनीतिक पहुंच को लेकर उठ रहे हैं। जिस महायज्ञ में यह घटना हुई, उसमें बीजेपी के कई बड़े नेता पहले ही शामिल हो चुके हैं। इनमें हरियाणा बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल, पूर्व मंत्री सुभाष सुधा, राम विलास शर्मा, मुख्यमंत्री नायब सैनी की पत्नी सुमन सैनी और पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल जैसे नाम शामिल हैं। इससे सवाल उठता है कि क्या बाबा को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था, और क्या इस वजह से उनके लोगों की गुंडागर्दी पर प्रशासन भी आंखें मूंदे बैठा था?
प्रशासन की चुप्पी, जांच की मांग
इस हिंसक घटना के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई सख्त कार्रवाई सामने नहीं आई है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या धार्मिक आयोजनों के नाम पर कानून को ताक पर रखा जा सकता है? क्या पीड़ित ब्राह्मणों को न्याय मिलेगा, या यह मामला भी राजनीतिक प्रभाव में दब जाएगा?
जनता क्या सोचती है?
इस घटना को लेकर जनता में गुस्सा बढ़ रहा है। धार्मिक आयोजनों में इस तरह की हिंसा और फायरिंग की घटना न केवल समाज में तनाव पैदा करती है, बल्कि इससे धार्मिक आयोजनों की गरिमा भी धूमिल होती है। क्या ऐसे आयोजनों को राजनीतिक संरक्षण दिया जाना सही है? क्या इस बाबा के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई होगी?
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